Shab e barat ki nafil namaz padhne ka tarika / शब ए बारात की नफिल नमाज पढ़ने का तरीका

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shab e barat ki nafil namaz padhne ka tarika / शब ए बारात की नफिल नमाज पढ़ने का तरीका

शब-ए-बारात के आमाले नवाफिल

रोज़े की फजीलतः शाबान की 15 तारीख को रोज़ा रखने की बड़ी फजीलत है।

• बाद नमाज़े मग़रिब

6 रकातें 2-2 करके :-

• नियत की मैंने, 2 रकात नमाज़े नफ़्ल, दराजे उम्र के लिए, वास्ते अल्लाह तआला के. मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहो अकबर।

• नियत की मैंने, 2 रकात नमाज़े नफ़्ल, दफा आफातो बलायत के लिए, वास्ते अल्लाह तआला के. मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहो अकबर। • नियत की मैंने, 2 रकात नमाज़े नएल, कुशादगी रिज़्क के लिए, वास्ते

अल्लाह तआला के, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाहो अकबर। (हर दो रकात के बाद सूरःयासीन पढ़ने की बड़ी फजीलत है)

• बाद नमाज़े इशा

7 बार इन्ना अन्ज़लना पढ़ें ।

• 2 रकात नमाज़

बाद अलहम्दो के 1 बार आयतुलकुर्सी, 3 बार कुलहोवल्लाह पढ़ें।

• 2 रकात नमाज :

बाद अलहम्दो के 1 बार आयतुलकुर्सी, 15 बार कुलहोवल्लाह बाद सलाम के 100 बार दुरूद शरीफ पढ़ें।

2 रकात नमाज :

बाद अलहम्दो के 1 बार इन्ना अन्जलना, 3 बार कुलहोवल्लाह पढ़ें।

2 रकात नमाज : बाद अलहम्दो के 7 बार इन्ना अन्जुलना, 7 बार कुलहोवल्लाह पढ़ें।

8 रकात 2-2 करके

: बाद अलहम्दो के 5 बार कुलहोवल्लाह पढ़ें।

12 रकात 2-2 करके:

बाद अलहम्दो के 10 बार कुलहोवल्लाह पढ़ें।

14 रकात 2-2 करके : बाद अलहम्दो के जो सूरः चाहें पढ़ें।

4 रकात नमाज़ सलातुल तस्बीह ज़रूर पढ़ें।

नोट : इन्न अन्जलना की जगह जो भी सूरः याद हो पढ़ सकते हैं।

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