22 Rajab Fatiha ka Tarika
. सबसे पहले आप तीन बार दरूद ए इब्राहिम पढ़े
दरूद ए इब्राहिम |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
अल्लाहुम्मा सल्ली अला मुहम्मद वा अला आली कमा सल्लैता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्मा बारीक अला मुहम्मदीव वा अला आली मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्रहिमा वा अला आली इब्रहिमा इन्नका हमीदुम मजीद, |
. फिर एक मरतबा सूरः अल-काफ़िरून पढ़ें
सूरः अल-काफ़िरून |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
कुल या अय्युहल काफिरून 0 ला अ अबुदु मा ताबुदून 0 वला अन्तुम आ बिदूना मा अ अबुद 0 वला ना आबिदुम मा अबद्तुम 0 वलआ अन्तुम आबिदूना मा अअ बुद 0 लकुम दीनुकुम वलिय दीन |
. उसके बाद तीन बार सूरत अल इख़्लास पढ़ें
सूरः अल इख़्लास (3 मर्तबा ) |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
कुल हुवल लाहू अहद 0 अल्लाहुस समद 0 म यलिद 0 वलम यूलद 0 वलम यकूल लहू कुफुवन अहद 0 |
. फिर कुल आऊजु बिरब्बिल फलक पढ़ें
सूरः अल फ़लक़ |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
कुल आऊजु बिरब्बिल फलक 0 मिन शररी मा ख़लक़ 0 वा -मिन शररी ग़ासिकिन इज़ा वकब 0 वामिन शररिन नफ़ासती फ़िल उक़द 0 वामिन शररी हासिदिन इज़ा हसद 0 |
. उसके बाद एक बार सूरह नास पढ़ें
सूरः नास |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
कुल अऊजु बिरब बिन नास 0 मलिकिन नास 0 इलाहिन नास 0 मिन शररिल वसवासिल खन्नास 0 अल्लज़ी युवसविसु फी सुदूरिन नास 0 मिनल जिन्नाति वन नास 0 |
. फिर एक बार सूरह अल फातिहा यानि अल्हम्दु शरीफ पढ़ें
22 Rajab Fatiha ka Tarika
सूरह अल फातिहा |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन 0 अर रहमा निर रहीम 0 मालिकि यौमिद्दीन 0 इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन 0 इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम 0 सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम 0 गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (आमीन) 0 |
. उसके बाद एक बार अलिफ़ लाम मीम पढ़ें
अलिफ़ लाम मीम |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
*अलीफ लाम मीम ज़ालिकाल किताबु ला रै बफ़ीह 0 हुदल लिल मुत्तकीनल्लज़ीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता व् मिम्मा रजकनाहुम् युनफिकुन 0 वल्ल्जीना यूमिनू ना बिमा उन्ज़िला इलैका वमा उन्ज़िला मिन क़ब्लिक * व बिल आख़िरति हुम् युकिनून 0 उलाइका अला हुदम मिर रब्बि हिम व उलाइका हुमुल मुफ़लिहून 0 |
. बाद में आप ये आयत पढ़ें
आयत ए खामसह |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
वा इलाहुकुम इलाहु वाहिद ला इलाहा इल्ला हूवर रहमानु अर्रहीमून 0 इन्ना रहमतल्लाही क़रीबूम मीनल मुहसिनीन 0 वमा अर्सलनका इल्ला रहमतल लील आलेमिन 0 |
माकाना मुहमदुन आबए अहादिम मिररिजलीकुम वलाकिर रसूलअलाल्हे व ख़ात्मां नबीना वा कानल्लाहो बिकुल्ली अलीमा,! इन्नल्लाहा व मलाई क त हू यूसल्लूना अलन्न् बिय्यि *! या अय्यु हल लज़ीना आ मनू सल्लू अलैहि व सल्लि मू तस्लीमा *! |
( जो भी हाजिरीन फातिहा में हाजिर है सभी दरूद शरीफ पढ़े ) (एक बार पढ़े )
दरूद शरीफ |
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम |
अल्लाहुम्मा सल्ले अला सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व अला आलि सय्येदिना व मौलाना मुहम्मदिव व बारिक व सल्लिम *सलातंव व सलामन अलैका या रसूलुल्लाह * सुब्हाना रब्बिका रब्बिल इज़्ज़ति अम्मा यसीफ़ून * व सलामुन अलल मुरसलीन * वल्हम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन |
अब बारगाहे रिसालत में हाँथ उठाइये – फिर आप दुआ मांगिये और इसाले सवाब कीजिये
isale sawab ka tarika
ए अल्लाह मैंने तेरे बारगाह में कुरान शरीफ की तिलावत की और दरूद शरीफ पढ़ा ए-अल्लाह ! इसे पढ़ने में जो भी गलतिया हुई है ! इसे अपने फज्लो करम से माफ़ फरमा और जो कुछ मेने पढ़ा और जो कुछ ये तबर्रुक है सबसे पहले इसका सवाब ! सरकारे दोआलम सल्लल्ला हु अलैहि वसल्लम के मुक़द्दस बारगाह में तोह्फतन हदियातन पेश करते है कबूल फरमा
हज़रत आदम अलैहि वसल्लम से लेकर हज़रते इसा अलैहि वसल्लम तक कमो बेस एक लाख चौबीस हजार अम्बियाए मुर्सलीन के बारगाह में ये तबर्रुक पेश करते है मौला कबूल फ़रमा हुजूर के सहाबा सहाबिया अहले बैत अतहार अज़्वाजे मोतहरात जुमला शहीदाने कर्बला जुमला शहाबा तबाईन तबे तबाईन आइममे मुजतहइन बुजुर्गाने दिन मुत्तक़ीन सालेहीन मोमेनीन के अरवाहे को पेस करते है कबूल फरमा
इसका सवाब दस्तगीर रौशन जमीर हजरते गौसे आज़म रज़ि अल्लाहो तआला अन्हा और ख्वाजा ए ख्वाजा हिंदल वली अजमेरी चिस्ती के बारगाह में पेश करते है ! क़ुबूल फ़रमा इस दुनिया से जितनेभी मोमिन व् मोमिनात गुजर चुके है ! उनकी बखसीस फरमा ! और उनको जन्नत में आला से आला मकाम अता फरमा ! ( आमीन सुम्मा आमीन )