अक़ीक़ा का तरीका | Aqiqah kaise kare in Hindi
“अक़ीक़ा का तरीका”
सब तअरीफें अल्लाह तआला के लिए हैं जो सब जहानो का पालने वाला है। हम उसी से मदद और माफी चाहते हैं।
अकीका उस जबीहा को कहते हैं जो नौमोलुद की तरफ से किया जाता है।
(1) “बच्चे के साथ अकीका (लाजिम) है। लिहाजा तुम उसकी तरफ से कुर्बानी करो और उसकी तकलीफ को दूर करो।”
(2) “जिसके यहां कोई बच्चा पैदा हो और वह उसकी तरफ से कुर्बानी करना चाहे तो ज़रूर कुर्बानी करे।”
(3) “हर बच्चा अपने अकीके के एवज़ गिरवी होता है। पैदाइश के सातवे दिन उसका अकीका किया जाए।”
(4) “लड़के की तरफ से दो बराबर (एक जैसी) बकरियां और लड़की की तरफ से एक बकरी।”
(5) “आप (ﷺ) ने हसन रज़ि और हुसैन रज़ि का अकीका किया और 2-2 दुम्बे जिबह किये।”
(6) “हमें अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने हुक्म दिया कि लड़के की तरफ से दो बकरियां और लड़की की तरफ से एक बकरी अक़ीके में कुर्बानी की जाए।”
(7) “आप (ﷺ) ने हसन रज़ि की तरफ से अक़ीका किया। फिर फरमाया ऐ फातिमा (रजि) इस का सर मुन्डवाओ और इस के बालो के वज़न के बराबर चांदी सदका करो।”
(8) “फातिमा रज़ि ने हसन रज़ि और हुसैन रज़ि के बाल तौल कर उन के वज़न के बराबर चांदी सदका की।”
(9) “अकीका किया जाए बच्चे की तरफ से लेकिन उस के सर में खून (अकीके के जानवर का जैसा कि जमाना ए जाहिलियत में रिवाज़ था) ना लगाया जाए।”
मालूम हुआ अकीका इस्लाम की सुन्नतों में से एक सुन्नत है।
अहादीसे रसूल सल्ल. मे अकीके में कुर्बानी के लिए जिन जानवरों का जिक्र मिलता है, वोह बकरी और दुंबा है। जैसा कि उम्मे कुर्ज रजि. से अबु दाउद (2835) इब्ने अब्बास रज़ि से सुनन नसाई-4222 और अग्न बिन शोएब रजि. से अबू दाऊद में 2842 हदीस में है कि आप सल्ल. ने फरमाया “जिसके यहां कोई बच्चा पैदा हो और वह उसकी तरफ से कुर्बानी करना चाहे तो लड़के की तरफ से 2 और लड़की की तरफ से 1 बकरी कुर्बानी करे।”
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