Azan ke Bad ki Dua / अज़ान के बाद की दुआ |
Table of Contents:-
- Azan in Hindi
- Azan Meaning in Hindi
- Azan ke bad ki dua in Hindi, English, Urdu and Arabic
- Azan ke bad ki dua in hindi
- Azan ke bad ki dua in Roman English
- Dua After Adhan Meaning in English
- Azan ke bad ki dua urdu Mein
- Azan ke bad ki dua in Arabic
- दुआ का मकसद और अहमियत
- Azan ke bad ki dua ka Hadees me zikar
- Azan ke bad ki dua padhne ke fayde
- Azan ke bad ki dua yad karne ke tips
- Aakhiri Alfaaz
Azan in Hindi:-
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर,
अशहदु अं ला इलाहा इल्लल्लाह,
अशहदु अंना मुहम्मदुर रसूलुल्लाह,
हय्या ‘अलस्सलाह, हय्या ‘अललफलाह,
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर,
ला इलाहा इल्लल्लाह।
Azan Meaning in Hindi:-
- अल्लाहु अकबर: अल्लाह सबसे बड़ा है।
- अशहदु अं ला इलाहा इल्लल्लाह: मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं।
- अशहदु अंना मुहम्मदुर रसूलुल्लाह: मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद (صلى الله عليه وسلم) अल्लाह के रसूल हैं।
- हय्या ‘अलस्सलाह: आओ नमाज़ की तरफ।
- हय्या ‘अललफलाह: आओ कामयाबी की तरफ।
- ला इलाहा इल्लल्लाह: अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं।
Azan ke bad ki dua in Hindi, English, Urdu and Arabic:-
Azan ke bad ki dua in hindi:-
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िही अद-दावतित-ताम्मति वस-सलातिल-क़ाइमति, आती मुहम्मदन अल-वसीलता वल-फदीलता, वब’अथ्हु मक़ामं महमूदन अल्लधि व’अद्तहु।
Azan ke bad ki dua in Roman English
Allahumma Rabba hadhihi ad-da’watit-tammati was-salatil-qaimati, aati Muhammad al-waseelata wal-fadheela wa-b’ath-hu maqaman mahmooda alladhi wa’adtahu.
Dua After Adhan Meaning in English:-
O Allah, Lord of this perfect call and of the established prayer, grant Muhammad the intercession and the virtue, and send him to the praised station You have promised him.
Azan ke bad ki dua urdu Mein:
اے اللہ، اس مکمل اذان کے رب اور قائم نماز کے، محمد کو وسیلہ اور فضیلت عطا فرما اور اسے اُس مقام پر بھیج جو تو نے اس سے وعدہ کیا ہے۔
Azan ke bad ki dua in Arabic:
اللّهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلَاةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِي وَعَدْتَّهُ۔
दुआ का मकसद और अहमियत:
अज़ान के बाद की दुआ का मकसद है अल्लाह से हिदायत और रहमत माँगना। जब हम यह दुआ पढ़ते हैं, तो हम अपने दिल से अल्लाह की तरफ झुकते हैं और अपने लिए और अपने प्यारे नबी मुहम्मद (صلى الله عليه وسلم) के लिए दुआ करते हैं। इस दुआ की कुछ खास अहमियत है:
- हिदायत और रहमत की दुआ: इस दुआ में हम अल्लाह से हिदायत और रहमत की दुआ करते हैं। यह दुआ हमें याद दिलाती है कि हमारी असली मंजिल सिर्फ अल्लाह की रहमत है।
- नबी की वसीला: यह दुआ हमें नबी मुहम्मद (صلى الله عليه وسلم) की शान को याद दिलाती है। उनकी वसीला से हम अल्लाह से मदद माँगते हैं।
- क़यामत के दिन की याद: इस दुआ के ज़रिए हम क़यामत के दिन की याद करते हैं। जब हम अल्लाह से दुआ करते हैं, तो हम खुद को इस दिन के लिए तैयार करते हैं।
Azan ke bad ki dua ka Hadees me zikar:
इस दुआ की अहमियत और इसके पढ़ने का तरीक़ा हदीस से भी साबित होता है। यहाँ कुछ हदीसें हैं जो इस दुआ की अहमियत को समझाती हैं:
- हदीस 1: हज़रत अबू हुरैरा (رضي الله عنه) से रिवायत है:
“रसूल अल्लाह (صلى الله عليه وسلم) ने फ़रमाया: “अगर कोई आदमी अज़ान सुनकर दुआ करे, तो अल्लाह उसकी दुआ सुनता है।” (सहीह मुस्लिम, हदीस नं. 386)
- हदीस 2: हज़रत अब्दुल्लाह इब्न अम्र (رضي الله عنه) से रिवायत है:
“रसूल अल्लाह (صلى الله عليه وسلم) ने फ़रमाया: “जब तुम अज़ान सुनो, तो तुम भी उसके जैसे बोलो और फिर दुआ करो, क्योंकि जो बंदा दुआ करेगा, उसकी दुआ क़बूल की जाएगी।” (सुनन अबू दाऊद, हदीस नं. 525)
- हदीस 3: हज़रत अब्दुल्लाह इब्न उमर (رضي الله عنه) से रिवायत है:
“रसूल अल्लाह (صلى الله عليه وسلم) ने फ़रमाया: “अज़ान के बाद की दुआ क़बूल होती है।” (सुनन नसाई, हदीस नं. 679)
- हदीस 4: हज़रत अल्क़मा इब्न कैस (رضي الله عنه) से रिवायत है:
“रसूल अल्लाह (صلى الله عليه وسلم) ने फ़रमाया: “जिस ने अज़ान के बाद ये दुआ की, उसकी दुआ कबूल की जाएगी।” (जामी अत-तिरमिज़ी, हदीस नं. 210)
Azan ke bad ki dua padhne ke fayde:
Azan ke bad ki dua पढ़ने से हमें कई फायदे होते हैं:-
- सुकून और इतमिनान: जब हम अज़ान के बाद यह दुआ पढ़ते हैं, तो हमें सुकून और इतमिनान मिलता है। यह हमें अल्लाह की हिफाज़त का एहसास दिलाता है।
- इमान में इज़ाफ़ा: इस दुआ का पढ़ना हमारे इमान को मज़बूत करता है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारा सब कुछ अल्लाह के हाथ में है।
- दुआ का असर: जब हम अल्लाह से दुआ करते हैं, तो अल्लाह हमेशा अपने बंदों की दुआओं को सुनता है। इस दुआ से हमें हर मुश्किल में अल्लाह की मदद मिलती है।
Azan ke bad ki dua yad karne ke tips:-
इस दुआ को अपने दिल में बसाने के लिए कुछ टिप्स हैं:
- डेली प्रैक्टिस: रोज़ाना इस दुआ को याद करने की कोशिश करें। जब भी अज़ान हो, इस दुआ को पढ़ने की आदत डाल लें।
- फैमिली इन्वॉल्वमेंट: अपने घर वालों के साथ इस दुआ को पढ़ने की आदत बनाएं। इससे आप सब मिलकर एक दूसरे को याद दिलाते रहेंगे।
- लिखित नोट्स: इस दुआ को कहीं लिख कर रख लें, जैसे अपने मस्जिद या घर के किसी ऐसे जगह पर जहां आप अक्सर देखते हैं।
- मोबाइल रिमाइंडर्स: अपने मोबाइल पर रिमाइंडर्स सेट कर सकते हैं ताकि आप अज़ान के वक्त इस दुआ को पढ़ना न भूलें।
अज़ान के बाद की दुआ का असर सिर्फ इस दुनिया तक नहीं, बल्कि आख़िरत तक का होता है। जब हम यह दुआ पढ़ते हैं, तो हम अल्लाह से माँगते हैं कि वो हमें इस दुनिया और आख़िरत दोनों में हिदायत दे। इस दुआ का असर हमेशा हमें अल्लाह की रहमत और हिफाज़त की तरफ ले जाता है।
Aakhiri Alfaaz:-
दोस्तों, अज़ान के बाद की दुआ एक बहुत ही अहमियत रखती है। यह न सिर्फ अल्लाह से हिफाज़त माँगने का ज़रिया है, बल्कि एक रूहानी अनुभव भी है। जब हम इस दुआ को पढ़ते हैं, तो हमें अल्लाह की याद आती है और हमारी ज़िन्दगी में एक नया रोशनी का चिराग़ जलता है।
इस दुआ को अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाएं और हर वक्त अल्लाह की रहमत और हिदायत माँगते रहें। अल्लाह हमें अपनी हिदायत के रास्ते पर चलने की तौफीक दे, आमीन