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Quran Ki 10 Surah Ka Wazifa | क़ुरान की दस सूरह का वज़ीफ़ा

Quran Ki 10 Surah Ka Wazifa   

क़ुरान की दस सूरह का वज़ीफ़ा   

इस से पहले आप इसी website पर क़ुरान की दस सूरतें हिन्दी में पढ़ चुके हैं लेकिन आज हम आपके लिए इन सूरह के पढने के फ़ायदे और इनके वज़ीफे बयान करेंगे ताकि आपको इनके पढ़ने का फ़ायदा भी मालूम हो वैसे तो सब से पहला फ़ायदा यही होता है कि जब आप क़ुरान पढ़ते हैं तो उसके एक एक हर्फ़ पर आपको कई नेकियाँ मिलती हैं अल्लाह तआला खुश होते हैं, तो चलिए दस सूरतों के दस फ़ायदों को समझें और उस पर अमल करें |   

हज़रत इमाम सुयूती रहमतुल लाहि अलैहि फरमाते हैं कि  

  दस सूरतें दस चीज़ों को रोक देती हैं    

1.  सूरह फ़ातिहा की तिलावत करने वाला अल्लाह के ग़ज़ब और गुस्से से बच जाता है   

इसलिए  सूरह फ़ातिहा खूब कसरत से पढ़िए और अल्लाह के ग़ज़ब से बचिए जिससे बचाने वाला कोई नहीं है |   

2. सूरह यासीन क़यामत के दिन की प्यास को बुझा देती है   

इसलिए  सूरह यासीन को रोजाना का मामूल बना लीजिये क्यूंकि उस दिन जब सभी लोग प्यासे होंगे तो सूरह यासीन आपके बड़े काम आने वाली है |   

3. सूरह दुखान क़यामत की हौलनाकियों से रोकती है   

क़यामत का दिन ऐसा हौलनाक और खतरनाक होगा कि इंसान देखेगा तो उसे किसी अपने या पराये की परवाह नहीं रहेगी बस वो अपने आपको बचाता फिरेगा तो अगर आप चाहते हैं कि उस हौलनाक मंज़र से बचें तो  सूरह दुखान की तिलावत रोजाना किया करें कि ये कयामत के दिन बड़ा साथ देने वाली है |   

4. सूरह वाक़िया फाका और तंगदस्ती को रोक देती है   

जो शख्स ये चाहता है कि घर में फाक़ा ना हो और तंगदस्ती दूर हो उसे रोजाना मगरिब की नमाज़ के बाद घर में  सूरह वाक़िया ज़रूर पढ़नी चाहिए कि इस से रोज़ी तंग नहीं होती और रोज़ी के दरवाज़े खुल जाते हैं |   

5. सूरह मुल्क अज़ाबे क़ब्र को रोक देती है   

इन्सान को क़ब्र में रखते ही सवालों जवाब होना शुरू हो जाता है और आमाल हमारे ऐसे हैं जो अज़ाब ही की तरफ ही लेकर जा रहे हैं तो ऐसे में अगर आप क़ब्र के उस अँधेरे गढ़े में रौशनी चाहते हैं और चाहते हैं कि अल्लाह के फ़रिश्ते हमारे साथ अच्छा मामला करें तो  सूरह मुल्क रोज़ाना का मामूल बना लें   

Quran Ki 10 Surah Ka Wazifa   

6. सूरह कौसर दुश्मनों के झगड़ों से रोकती है   

यानि जो शख्स  सूरह कौसर की तिलावत को अपना रूटीन बना लेगा अल्लाह तआला उसे दुश्मनों के झगड़ों से बचा लेंगे |   

7. सूरह काफ़िरून मौत के वक़्त कुफ्र से रोकती है   

इन्सान अगर पूरी ज़िन्दगी ईमान के साथ रहा हो लेकिन मौत से पहले कुफ्र में मुब्तिला हो गया हो तो सारी मेहनत और इबादत किसी काम की नहीं रहती इसलिए  सूरह काफ़िरून की तिलावत ज़रूर करते रहिये कि ये मौत के वक़्त कुफ्र से बचा लेती है   

8. सूरह इख्लास निफ़ाक़ को रोक देती है   

निफ़ाक़ कहते हैं सामने कुछ और अन्दर कुछ जैसे नबी सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम के दौर में मुनाफ़िक़ उसे कहते थे जो दिखाने के लिए और मुसलमानों को धोका देने के लिए ऊपर से तो इस्लाम ले आते थे लेकिन अन्दर से वो काफिर ही थे, तो अगर आप चाहते हैं कि आपके दिल में निफ़ाक़ न रहे और इख्लास, मुहब्बत से और खालिस दिल से बढ़े तो  सूरह इख्लास को पढ़ना शुरू कर दीजिये   

9. सूरह फ़लक हासिदों ( जलने वालों ) के हसद से बचा लेती है   

सूरह फ़लक में हासिदों के शर से पनाह मांगी गयी है इसलिए  सूरह फ़लक की तिलावत करना हासिदों से मिलने वाली परेशानियों को दफ़ा करता है |   

10. सूरह नास वस्वसों से रोकती है   

शैतान इंसान के अन्दर कई तरह के वस्वसे डालता है जैसे नफसानी, शहवानी, शैतानी और इन वास्वसों में आकर बंदा गुनाह कर बैठता है तो इन तमाम वस्वसों से बचने के लिए  सूरह नास का दामन पकड़ लीजिये और मरते दम तक न छोड़िये |   

इन दस सूरतों की आप रोज़ाना तिलावत करें अल्लाह तआला अपने फज़ल से ये दस इनामात अता करेंगे, अल्लाह हम सबको इन बातों पर अमल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए   

 

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