chaahate aap to khud daud kar aata paani
ya husain ! aapki thokar se nikalta paani
kya thi aukaat pila deta jo dariya paani
mere abbas ne dariya ko pilaaya paani
aasmaa.n ! gar tujhe shabbir ishaara karte
dil ye kehta hai ke din-raat barasta paani
ediyaa.n apni zamee.n par jo ragadte asghar
karbala tere sambhale na sambhalta paani
itne tardast the abbas ke dono.n baazu
padh gaya jiske bhi usne nahi.n maanga paani
kaun kehta hai ke paani ke the pyaase shabbir
sach to ye hai ke tha shabbir ka pyaasa paani
tujhpe so jaan hai qurbaan meri aye asghar !
teri himmat ne yazidiyo.n ko pilaaya paani
ya 'ali sher-e-KHuda ! aapke bete shabbir
hukm de dete to suraj bhi ugalta paani
चाहते आप तो खुद दौड़ कर आता पानी
या हुसैन ! आपकी ठोकर से निकलता पानी
क्या थी औक़ात पिला देता जो दरिया पानी
मेरे 'अब्बास ने दरिया को पिलाया पानी
आसमां ! गर तुझे शब्बीर इशारा करते
दिल ये कहता है के दिन-रात बरसता पानी
एड़ियां अपनी ज़मीं पर जो रगडते असगर
कर्बला तेरे सम्भाले न सम्भलता पानी
इतने तरदस्त थे 'अब्बास के दोनों बाजू
पड़ गया जिसके भी उसने नहीं माँगा पानी
कौन कहता है के पानी के थे प्यासे शब्बीर
सच तो ये है के था शब्बीर का प्यासा पानी
तुजपे सो जान है क़ुर्बान मेरी अये असग़र
तेरी हिम्मत ने यजीदियों को पिलाया पानी
या 'अली शेरे खुदा ! आपके बेटे शब्बीर
हुक्म दे देते तो सूरज भी उगलता पानी