अपनी जन्नत को ख़ुदा के लिए ! दोज़ख़ न बना अपने माँ-बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा मेरे मालिक, मेरे आक़ा, मेरे मौला ने कहा अपने माँ-बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा
अपनी जन्नत को ख़ुदा के लिए ! दोज़ख़ न बना अपने माँ-बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा मेरे मालिक, मेरे आक़ा, मेरे मौला ने कहा अपने माँ-बाप का तू दिल न दुखा, दिल न दुखा