Ya Husain Ibne Ali kehte hein ye Sare Gulam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Teer laga Nanhe Asghar ko Phool sa chahera murjaya
Dekh Shaherbanu bacche ko god mein leke farmaya
Hoze Kausar ka Pee lena Jaam Aapko Salam
Ya Husain Ibne Ali kehte hein ye Sare Gulam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Jabr ke aage Sabr khada tha Zulmo Sitam ko rok kar
Jinko hua Deedar Khuda ka Khanjar ki Us nok par
Dekho Shahidon ka hai ye makam Aapko Salam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Teer laga Nanhe Asghar ko Phool sa chahera murjaya
Dekh Shaherbanu bacche ko god mein leke farmaya
Hoze Kausar ka Pee lena Jaam Aapko Salam
Ya Husain Ibne Ali kehte hein ye Sare Gulam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Jabr ke aage Sabr khada tha Zulmo Sitam ko rok kar
Jinko hua Deedar Khuda ka Khanjar ki Us nok par
Dekho Shahidon ka hai ye makam Aapko Salam
Ya Husain Ibne Ali kehte hein ye Sare Gulam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Jinki peshaani ka bosa Pyare Nabi farmate the
Bachpan mein Jibreele Ameen bhi jhula jhulane aate the
Wo hai Nawasa-e-Khairul Anam Aapko Salam
Ya Husain Ibne Ali kehte hein ye Sare Gulam
Sab Gulam Aapko Salam Aapko Salam
Aye Husain Ibne Ali Zohra ke Dilbar Assalam
Aye Shahide Karbala Aye Dee'n ke Rahebar Assalam
Karbala mein Aapne Haq ke liye hai Jaan di
Aapka Kaunain mein Sani nahin Ibne Ali
Zulm ke aage jhukaya Aapne kab Apna Sar
Aap par nazaan na ho kyun Sayyide Khairul Bashar
Aap'hi ne Deene Haq ko takhliyat pahunchayi hai
Aapki Kurbani Aye Ibne Ali rang layi hai
Hashr tak royegi yunhi badnasibi par Furat
Aapka Deedar jo karne na payi Uski zaat
Duniya luta ke Deen ki Daulat kharid li
Kauno Makan se Izzato Azmat kharid li
Jate the Raahe Haq mein Sadakat kharid li
Nana se Deen Baap se Takat kharid li
Maa se Hasan Husain ne Jannat kharid li
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
तीर लगा नन्हे असग़र को फूल सा चेहरा मुरझाया
देख शहरबानो बच्चे को गोद में लेके फ़रमाया
होज़े कौसर का पी लेना जाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
जब्र के आगे सब्र खड़ा था जुल्मो सितम को रोक कर
जिनको हुआ दीदार खुदा का खंजर की उस नोक पर
देखो शहीदों का है ये मक़ाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
जिनकी पेशानी का बोसा प्यारे नबी फरमाते थे
बचपन में जिब्रीले अमीन भी झूला झुलाने आते थे
वो है नवासा-इ-खैरुल अनाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
ए हुसैन इब्ने अली ज़ोहरा के दिलबर अस्सलाम
ए शहीदे कर्बला ए दीन के रहबर अस्सलाम
कर्बला में आपने हक़ के लिए है जान दी
आपका कौनैन में सानी नहीं इब्ने अली
ज़ुल्म के आगे झुकाया आपने कब अपना सर
आप पर नाज़ां न हो क्यूँ सय्यिदे खैरुल बशर
आपही ने दीने हक़ को तख्लियत पहुंचाई है
आपकी क़ुरबानी ए इब्ने अली रंग लायी है
हश्र तक रोयेगी यूँही बदनसीबी पर फुरात
आपका दीदार जो करने न पायी उसकी ज़ात
दुनिया लुटा के दीन की दौलत खरीद ली
कौनो मकान से इज़्ज़तो अज़मत खरीद ली
जाते थे राहे हक़ में सदाकत खरीद ली
नाना से दीं बाप से ताकत खरीद ली
माँ से हसन हुसैन ने जन्नत खरीद ली
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
तीर लगा नन्हे असग़र को फूल सा चेहरा मुरझाया
देख शहरबानो बच्चे को गोद में लेके फ़रमाया
होज़े कौसर का पी लेना जाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
जब्र के आगे सब्र खड़ा था जुल्मो सितम को रोक कर
जिनको हुआ दीदार खुदा का खंजर की उस नोक पर
देखो शहीदों का है ये मक़ाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
जिनकी पेशानी का बोसा प्यारे नबी फरमाते थे
बचपन में जिब्रीले अमीन भी झूला झुलाने आते थे
वो है नवासा-इ-खैरुल अनाम आपको सलाम
या हुसैन इबने अली कहते हैं ये सारे गुलाम
सब गुलाम आपको सलाम आपको सलाम
ए हुसैन इब्ने अली ज़ोहरा के दिलबर अस्सलाम
ए शहीदे कर्बला ए दीन के रहबर अस्सलाम
कर्बला में आपने हक़ के लिए है जान दी
आपका कौनैन में सानी नहीं इब्ने अली
ज़ुल्म के आगे झुकाया आपने कब अपना सर
आप पर नाज़ां न हो क्यूँ सय्यिदे खैरुल बशर
आपही ने दीने हक़ को तख्लियत पहुंचाई है
आपकी क़ुरबानी ए इब्ने अली रंग लायी है
हश्र तक रोयेगी यूँही बदनसीबी पर फुरात
आपका दीदार जो करने न पायी उसकी ज़ात
दुनिया लुटा के दीन की दौलत खरीद ली
कौनो मकान से इज़्ज़तो अज़मत खरीद ली
जाते थे राहे हक़ में सदाकत खरीद ली
नाना से दीं बाप से ताकत खरीद ली
माँ से हसन हुसैन ने जन्नत खरीद ली