तू नाम-ए-नबी को चूम, तू इश्क़-ए-नबी में घूम
है गली गली में धूम, तू नारा लगा के झूम
झूमती है ये ज़मीं झूमता है आसमां
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
घर सजा, गलियाँ सजा, महफ़िल सजा वो आ गए
रौनक़ें फ़ैली है हर-सू, आ गए हैं मुस्तफ़ा
तू नारा लगा के झूम
सरकार आ गए ! झूमो झूमो !
दिलदार आ गए ! झूमो झूमो !
मंठार आ गए ! झूमो झूमो !
ग़म-ख़्वार आ गए ! झूमो झूमो !
लजपाल आ गए ! झूमो झूमो !
मेरे आक़ा आ गए ! झूमो झूमो !
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
नए नए कपड़े पहन कर जाऊंगा मीलाद में
बरकतें भी साथ होंगी, रहमतें भी जा-ब-जा
तू नारा लगा के झूम
तू नाम-ए-नबी को चूम, तू इश्क़-ए-नबी में घूम
है गली गली में धूम, तू नारा लगा के झूम
झूमती है ये ज़मीं झूमता है आसमां
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
सिंधी, पंजाबी, बलोची हो मुहाज़िर के पठान
सारे कलमा-गो ख़ुशी से कह रहे हैं यक़-ज़बाँ
आ गए हैं मुस्तफ़ा बोलो आ गए हैं मुस्तफ़ा
सरकार की आमद ! मरहबा !
दिलदार की आमद ! मरहबा !
सरदार की आमद ! मरहबा !
मंठार की आमद ! मरहबा !
सोहणे की आमद ! मरहबा !
प्यारे की आमद ! मरहबा !
सब मिल कर बोलो ! मरहबा !
लब चूम के बोलो ! मरहबा !
ज़रा झूम के बोलो ! मरहबा !
मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
दोस्तो ! सब से बड़ा है जश्न-ए-मीलादुन्नबी
हर गली हर शहर देखो सज रहा है मरहबा
तू नारा लगा के झूम
सरकार आ गए ! झूमो झूमो !
दिलदार आ गए ! झूमो झूमो !
मंठार आ गए ! झूमो झूमो !
ग़म-ख़्वार आ गए ! झूमो झूमो !
लजपाल आ गए ! झूमो झूमो !
मेरे आक़ा आ गए ! झूमो झूमो !
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
क्या ग़रीबी ! क्या अमीरी ! सब खड़े हैं शौक़ से
कह रहे है झूम कर सब मरहबा या मुस्तफ़ा
मरहबा बोलो मरहबा
मरहबा बोलो मरहबा
तू नाम-ए-नबी को चूम, तू इश्क़-ए-नबी में घूम
है गली गली में धूम, तू नारा लगा के झूम
मैं लगा कर ख़ुश्बू घूमूँगा जुलूस-ए-पाक में
आँख में सुरमा लगाऊंगा, इमाम पहनूंगा
तू नारा लगा के झूम
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
मरहबा मरहबा ! आ गए रसूलुल्लाह
ईद का दिन है उजागर बाटेंगे शरबत न्याज़
अपनी ख़ुशियाँ और दो-बाला करेंगे हम झूम कर
सरकार की आमद ! मरहबा !
दिलदार की आमद ! मरहबा !
सरदार की आमद ! मरहबा !
मंठार की आमद ! मरहबा !
सोहणे की आमद ! मरहबा !
प्यारे की आमद ! मरहबा !
सब मिल कर बोलो ! मरहबा !
लब चूम के बोलो ! मरहबा !
ज़रा झूम के बोलो ! मरहबा !
मरहबा मरहबा मुस्तफ़ा
शायर:
अल्लामा निसार अली उजागर
नातख्वां:
ग़ुलाम मुस्तफ़ा क़ादरी