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Noor e Ramzan / नूर ए रमज़ान

Shukr-e-khuda karo mahe ramzan aa gaya

 

Taqseem karne nematein ramzan aa gaya

 

Allah tera hai ahsaan

 

Roze namzein aur quraan

 

Han ye sab rooh-e-imaan ! noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan, noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan

 

 (ilm masroof hai amal se aur ye haasil hota hai

 

jab koshish ki jaye dil se)

 

Ilm-o-adab sikhlayenge deen-e-khuda failaeinge

 

Masjid me bhi jayenge ham to naat sunayenge

 

Allah tera hai ahsaan tune badha di sab ki shaan

 

noore ramzan, noore ramzan, noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan

 

(Deen e islam mohabbat ka payaam

 

 

Allah ka in’aam khaliq ka paigham)

 

Kaisi hawaye ishq chali khatm hui nafrat dil ki

 

Baat rehe hain pyar sabhi sahri ho ya iftaar

 

Allah tera hai ahsaan ek huye sarey insane

 

Saj gaye ghar ghar dastarkhwan ! noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan, noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan

 

Meri khatir khuda tune kya kya kiya

 

Tune khushiyon se daman mera bhar diya

 

Aur badle me maine tujhe kya diya

 

In gunahon pe dil ro raha hai mera

 

Maine maa-baap ka haq ada na kiya

 

Tere bandon ka dil bhi dukhaya bada

 

Na hi khairaat ki na hi sadqa diya

 

Sirf apne hi bare me socha kiya

 

Na namzein padhin na hi roza rakha

 

Aur ibadat ka haq ada na hua

 

Phir bhi tune karam apna jaari rakha

 

Tu sakhi hai bada, tu sakhi hai bada

 

Main pareshan hun, raham kar de khuda

 

raham kar de khuda

 

raham kar de khuda

 

Hai ye bakhshish ka samaan

 

Sajde me hai har insaan

 

Kya sajjad kya farhan! Noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan, noore ramzan

 

noore ramzan, noore ramzan

 

शुक्र-ए-खुदा करो महे रहमान आ गया

 

तक़्सीम करने नेअमतें रमज़ान आ गया

 

अल्लाह तेरा है एहसान

 

रोज़े नमाज़े और कुरआन

 

हां यह सब रुह-ए-ईमान ! नूरे रमज़ान

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान 

 

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान

 

(इ़ल्म मसरूफ़ है अमल से

 

और ये हासिल होता है

 

जब कोशिश की जाये दिल से)

 

 

इ़ल्म-ओ-अदब सिखलायेंगे दीन-ए-ख़ुदा फ़ैलायेंगे

मस्जिद में भी जाएंगे हम तो नात सुनाऐंगे

 

अल्लाह तेरा है एहसान तूने बढ़ा दीं सब की शान

आया है बनके मेहमान ! नूरे रमज़ान

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान 

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान

 

(दीने इस्लाम, मुह़ब्बत का पयाम,

 

अल्लाह का इनआम, ख़ालिक का है पैग़ाम)

 

कैसी हवाए इ़श्क़ चली ख़त्म हुई नफ़रत दिल की

बाट रहे हैं प्यार सभी सहरी हो या अफ्तारी

 

अल्लाह तेरा है एहसान एक हुए सारे इन्सान

सज गये घर घर दस्तरख़्वान ! नूरे रमज़ान

 

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान 

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान

 

 

 

मेरी ख़ातिर ख़ुदा तू ने क्या क्या किया

 

तूने खुशियों से दामन मेरा भर दिया

 

और बदले में मैंने तुझे क्या दिया

इन गुनाहों पे दिल रो रहा है मेरा

 

मैंने मां बाप का ह़क़ अदा न किया

 

तेरे बन्दों का दिल भी दुखाया बड़ा

ना ही ख़ैरात की ना ही सदक़ा दिया

सिर्फ अपने ही बारे में सोचा किया

ना नमाज़ें पढ़ी ना ही रोज़ा रखा

और इबादात का ह़क़ अदा न हुआ

फिर भी तूने करम अपना जारी रखा

तू सख़ी है बड़ा तू सख़ी है बड़ा

मैं पशेमान हूँ रहम करदे खुदा

रहम करदे खुदा

रहम करदे खुदा..

 

 

 

है ये बख़्शिश का सामान

 

सज्दे में है हर इन्सान

 

क्या सज्जाद क्या फ़रहान ! नूरे रमज़ान

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान 

 

नूरे रमज़ान, नूरे रमज़ान

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