rab ki rahmat ke talabgaar ! chalo, naa't pa.Dhe.n
aa gae sayyid-e-abraar, chalo, naa't pa.Dhe.n
gar dawa kaam nahi.n karti to ik kaam karo
Theek ho jaaega beemaar, chalo, naa't pa.Dhe.n
un ke deewaane.n kahenge ye ba-roz-e-mahshar
aa gae sayyid-e-abraar, chalo, naa't pa.Dhe.n
mujh se kahti hai mere dil ke dha.Dakne ki sada
hoga saarkaar ka deedaar, chalo, naa't pa.Dhe.n
jab sahaaba ne kaha, zikr karo aaqa ka
bole ye hazrat-e-hassaan, chalo, naa't pa.Dhe.n
hashr me.n bolenge ik saath ye jaami, saa'di
ai bareli ke raza khan ! chalo, naa't pa.Dhe.n
'izzate.n dega KHuda dono.n jahaa.n me.n, ai Na'eem !
hogi taqdeer bhi bedaar chalo, naa't pa.Dhe.n
Naat-Khwaan:
Ahmad ul Fattah
रब की रहमत के तलबगार ! चलो, ना'त पढ़ें
आ गए सय्यिद-ए-अबरार, चलो, ना'त पढ़ें
गर दवा काम नहीं करती तो इक काम करो
ठीक हो जाएगा बीमार, चलो, ना'त पढ़ें
उन के दीवानें कहेंगे ये ब-रोज़-ए-महशर
आ गए सय्यिद-ए-अबरार, चलो, ना'त पढ़ें
मुझ से कहती है मेरे दिल के धड़कने की सदा
होगा सरकार का दीदार, चलो, ना'त पढ़ें
जब सहाबा ने कहा, ज़िक्र करो आक़ा का
बोले ये हज़रत-ए-हस्सान, चलो, ना'त पढ़ें
हश्र में बोलेंगे इक साथ ये जामी, सा'दी
ए बरेली के रज़ा खान ! चलो, ना'त पढ़ें
'इज़्ज़तें देगा ख़ुदा दोनों जहाँ में, ए न'ईम !
होगी तक़दीर भी बेदार, चलो, ना'त पढ़ें
ना'त-ख़्वाँ:
अहमद-उल-फ़त्ताह
आ गए सय्यिद-ए-अबरार, चलो, ना'त पढ़ें
गर दवा काम नहीं करती तो इक काम करो
ठीक हो जाएगा बीमार, चलो, ना'त पढ़ें
उन के दीवानें कहेंगे ये ब-रोज़-ए-महशर
आ गए सय्यिद-ए-अबरार, चलो, ना'त पढ़ें
मुझ से कहती है मेरे दिल के धड़कने की सदा
होगा सरकार का दीदार, चलो, ना'त पढ़ें
जब सहाबा ने कहा, ज़िक्र करो आक़ा का
बोले ये हज़रत-ए-हस्सान, चलो, ना'त पढ़ें
हश्र में बोलेंगे इक साथ ये जामी, सा'दी
ए बरेली के रज़ा खान ! चलो, ना'त पढ़ें
'इज़्ज़तें देगा ख़ुदा दोनों जहाँ में, ए न'ईम !
होगी तक़दीर भी बेदार, चलो, ना'त पढ़ें
ना'त-ख़्वाँ:
अहमद-उल-फ़त्ताह