Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
meraj ka dulha kaun bana jibril e amin se poocho
Kya hai tauqeer e shah e umam
Insaan se ho paye na raqam
kya farshe zamin kya arshe bari
Sab hai aaqa ke zere qadam
Sultan e madina ka rutba jibril e amin se poocho
Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
Gibril se rabne farmaya
Jannat ki sawari lekar jaa
mehboob se ye jaakar keh dena
Ab aake kare wo sair zara
fir kaise hui tamil e khuda jibril e amin se poocho
Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
Hai mehwe rahat shah e deen,
Shasopanj may hai jibril e amin
bedar kare kaise seh ko,
Ho jaye kahi na beadbi
taazime nabi hoti hai kya jibril e amin se pooch
Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
Paas aake rasool e azam ke
Paoo ke janib khade hue
taazim baja laye pehle
Fir paoo pe noori lab rakh ke
talwo ko diya hai kyun bosa jibril e amin se poocho
Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
Aqsa may sawari jab pohnchi
Nabiyo ki jamaat haazir thi
karne ko adaa rab ka sajda
Saf basta jamaat khadi hui
hai sharf e imamat kise mila jibril e amin se poocho
Sidra se bhi aage kaun gaya jibril e amin se poocho
Pohnche aakhir us manzil per
jalte hai jahan jibril ke par
jibril ruke sarkaar badhe
pohnche hai arsh e azam par
mehman e khuda hai kaun bana jibril e amin se poocho
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
क्या है तौक़ीर-ए-शाह-ए-उमम इंसान से हो पाए न रक़म
क्या फ़र्श-ए-ज़मीं क्या 'अर्श-ए-बरीं सब हैं आक़ा के ज़ेर-ए-क़दम
सुल्तान-ए-मदीना का रुत्बा जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
जिब्रील से रब ने फ़रमाया जन्नत की सवारी ले कर जा
महबूब से ये जा कर कह दे अब आ के करें वो सैर ज़रा
फिर कैसे हुई ता'मील ज़रा जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
हैं महव-ए-राहत शाह-ए-दीं शश-ओ-पंज में हैं जिब्रील-ए-अमीं
बेदार करें कैसे शह को हो जाए कहीं न बे-अदबी
ता'ज़ीम-ए-नबी होती है क्या जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
पास आ के रसूल-ए-आ'ज़म के पाँव की जानिब खड़े हुए
ता'ज़ीम बजा लाए पहले फिर पाँव पे नूरी लब रख के
तल्वों को दिया है क्यूँ बोसा जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
अक़्सा में सवारी जब पहुँची नबियों की जमा'अत हाज़िर थी
करने को अदा रब का सज्दा सफ़-बस्ता जमा'अत खड़ी हुई
है शर्फ़-ए-इमामत किसे मिला जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
पहुँचे आख़िर उस मंज़िल पर जलते हैं जहाँ जिब्रील के पर
जिब्रील रुके सरकार बढ़े पहुँचे हैं 'अर्श-ए-आ'ज़म पर
मेहमान-ए-ख़ुदा है कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
क़ैसर ! हैं वही महबूब-ए-ख़ुदा ताहा यासीन है लक़ब मिला
क़ुरआन-ए-मुक़द्दस ने उन को व-रफ़'अना लका-ज़िक्रक है कहा
ख़ालिक़ ने जो बख़्शा है रुत्बा जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
सिदरा से भी आगे कौन गया जिब्रील-ए-अमीं से पूछो
मे'राज का दूल्हा कौन बना जिब्रील-ए-अमीं से पूछो