"हे नबी! कहो कि मैं इन्सानों के परवरदिगार की पनाह में आता हूँ।" "जो सारे इन्सानों का मालिक है।" "जो सारे इन्सानों का माबूद है।" "वस्वसा डालने वाले और छुप जाने वाले के बुराई शर से।" "जो लोगों के दिलों में भ्रम (वस्वसा) डालता रहता है।" "जो जिन्नों में से हो या फिर इंसानों मे से।"
"कह दीजिये की मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ।" "तमाम मख़लूक़ात के शर से।" "और अँधेरी रातो के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये।" "और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूंक मारती है।" "और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे।"
सूरह अल-फलक़ मैं सुबह के रब कि पनाह लेता हूँ। तमाम मखलूक के शर से तरह कि बुराई से जो उसने पैदा कि मैं पनाह माँगता हूँ। और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए। और गांठों में धौंकनी की बुराई से। सूरह काफिरून
Surah Kausar का हिंदी में अनुवाद है "बेशक हमने आपको कौसर अता किया"। कौसर का अर्थ है "बहुत सारी भलाई" और जन्नत में एक नदी का नाम भी है। सूरह कौसर मक्का में तब उतरी जब मक्का के निवासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को उनकी जाति से अलग कर दिया क्योंकि उन्होंने मूर्तिपूजा की परंपरा का खंडन किया था।
"बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम" - अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है "इज़ा वक अतिल वाकिअह" - उस वक़्त को याद करो जब क़यामत घटित हो जाएगी "लैसा लिवक अतिहा काज़िबह" - जिस के घटित होने में कोई झूट नहीं "हम ने ही तुम को पैदा किया तो फिर तुम (दोबारा जिंदा किये जाने को) सच क्यूँ नहीं मानते हो ?"
ह़ा मीम शपथ है इस खुली पुस्तक की हमने ही उतारा है इसे एक शुभ रात्रि में वास्तव में, हम सावधान करने वाले हैं इस रात में हर हिक्मत (तत्वदर्शिता) वाला मामला तै किया जाता है वे तो उस जगत्-शासक के पक्के और अटल फैसले होते हैं जो सुनने वाला, सर्वज्ञ और तत्त्वदर्शी है उससे लड़ना कोई खेल नहीं है
Yaa-Seeen Wal-Qur-aanil-Hakeem Innaka laminal mursaleen
सारी प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है वह बहुत ही मेहरबान और निहायत रहम वाला है वह इंसाफ के दिन का मालिक है हम तेरी ही इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं हमें सीधा रास्ता दिखा उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने इनाम फ़रमाया