"सबसे ओला व आला हमारा नबी" "सब से बाला व वाला हमारा नबी" "अपने मौला का प्यारा हमारा नबी" "दोनों आलम का दूल्हा हमारा नबी" "बज़्मे आखिर का शमअ फरोज़ा हुवा" "नूरे अव्वल का जल्वा हमारा नबी" "जिस को शयाँ है अर्शे खुदा पर जुलूस" "है वोह सुल्ताने वाला हमारा नबी"
"मेरे मौला तेरी रह़मत से निकला तेरे रस्ते में" "Karunga main mukammal apna waada tere raste mein" "Ye duniya chhor di hamne teri khatir mere moula" "Ye chahat hai ke mil jaye sukoon ab tere"
Habibi ya muhammad Rahmatun lil alamin arabic naat sharif
“Madina Chor Aaye Hain” by Ali Hassan Sajjad “Madina Chor Aaye Hai” by Syed Hassan Ullah Hussaini “Madina Chor Aaya Hun” by Hafiz Ghulam Mustafa Qadr
"Ae sabz gumbad wale manzoor dua karna" "Jab waqt e nazah aye deedar ataa karna" "Ae Noor e Khuda aakar ankhoon mein sama jana" "Ya dar pe bula lena ya khawab main aa jana" "Ae parda nasheen dil ke parde mein raha kerna"
"हे नबी! कहो कि मैं इन्सानों के परवरदिगार की पनाह में आता हूँ।" "जो सारे इन्सानों का मालिक है।" "जो सारे इन्सानों का माबूद है।" "वस्वसा डालने वाले और छुप जाने वाले के बुराई शर से।" "जो लोगों के दिलों में भ्रम (वस्वसा) डालता रहता है।" "जो जिन्नों में से हो या फिर इंसानों मे से।"
"कह दीजिये की मैं सुबह के रब की पनाह चाहता हूँ।" "तमाम मख़लूक़ात के शर से।" "और अँधेरी रातो के शर से जब कि उस की तारीकी फ़ैल जाये।" "और उन सभी औरतों के शर से जो लोग गिरहों में फूंक मारती है।" "और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करने लगे।"
सूरह अल-फलक़ मैं सुबह के रब कि पनाह लेता हूँ। तमाम मखलूक के शर से तरह कि बुराई से जो उसने पैदा कि मैं पनाह माँगता हूँ। और अंधेरे की बुराई से जब वह सुलझ जाए। और गांठों में धौंकनी की बुराई से। सूरह काफिरून
Surah Kausar का हिंदी में अनुवाद है "बेशक हमने आपको कौसर अता किया"। कौसर का अर्थ है "बहुत सारी भलाई" और जन्नत में एक नदी का नाम भी है। सूरह कौसर मक्का में तब उतरी जब मक्का के निवासियों ने नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को उनकी जाति से अलग कर दिया क्योंकि उन्होंने मूर्तिपूजा की परंपरा का खंडन किया था।
"बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम" - अल्लाह के नाम से, जो अत्यन्त कृपाशील तथा दयावान् है "इज़ा वक अतिल वाकिअह" - उस वक़्त को याद करो जब क़यामत घटित हो जाएगी "लैसा लिवक अतिहा काज़िबह" - जिस के घटित होने में कोई झूट नहीं "हम ने ही तुम को पैदा किया तो फिर तुम (दोबारा जिंदा किये जाने को) सच क्यूँ नहीं मानते हो ?"