Madinay ji bazaar ke muja salam chowja Pahadan ji gaaran ke muja salam chowja
Jinki Tareef Allah Ta-aala kare Unki Tareef behtar koi kya kare
aye deen-e-haq ke rahbar ! tum par salaam har dam mere shafee'-e-mahshar ! tum par salaam har dam is be-kas-o-khazee par, jo kuchh guzar rahi hai zaahir hai sab wo tum par, tum par salaam har dam banda tumhaare dar ka, aafat me.n mubtala hai raham aye habeeb-e-daawar ! tum par salaam har dam
KHair-ul-bashar par laakho.n salaam laakho.n durood aur laakho.n salaam
मौला या स़ल्ली व सल्लिम दाइमन अबदन अ़ला ह़बीबिक ख़ैरिल-ख़ल्क़ि कुल्लिहिमि मुह़म्मदुन सय्यिदुल-कौनैनी वस्सक़लयनि वल्फरीक़यनि मिन उ़र्बि-व्व-मिन अ़जमी
शह-सवार-ए-कर्बला, शह-सवार-ए-कर्बला अस्सलाम - अस्सलाम या इमाम आली मक़ाम अस्सलाम - अस्सलाम या इमाम आली मक़ाम
आक़ा ! ले लो सलाम अब हमारा सबा ! तू मदीने जा के कहना ख़ुदारा ! ग़म से हैं टूटे हुए, इस्याँ में डूबे हुए कर दो करम या नबी ! हैं हाथ फैले हुए रोज़-ए-महशर उम्मती का आप ही सहारा
ए हबीब ! अहमद-ए-मुज्तबा ! दिल-ए-मुब्तला का सलाम लो जो वफ़ा की राह में खो गया, उसी गुम-शुदा का सलाम लो मैं तलब से बाज़ न आऊँगा, तू करम का हाथ बढ़ाए जा जो तेरे करम से है आश्ना, उसी आश्ना का सलाम लो
ए शहंशाह-ए-मदीना ! अस्स़लातु वस्सलाम ज़ीनत-ए-अर्श-ए-मुअ'ल्ला ! अस्स़लातु वस्सलाम 'रब्बी ह़बली उम्मती' कहते हुए पैदा हुए हक़ ने फ़रमाया के बख़्शा, अस्स़लातु वस्सलाम
मुस्त़फ़ा, जान-ए-रह़मत पे लाखों सलाम शम्-ए-बज़्म-ए-हिदायत पे लाखों सलाम मेहर-ए-चर्ख़-ए-नुबुव्वत पे रोशन दुरूद गुल-ए-बाग़-ए-रिसालत पे लाखों सलाम शहर-ए-यार-ए-इरम, ताजदार-ए-ह़रम नौ-बहार-ए-शफ़ाअ़त पे लाखों सलाम